महिला पंचायत सचिव को 4 साल की जेल : 2019 में पट्टे के नामांतरण के नाम पर ली थी रिश्वत
रतलाम। मकान के पट्टे के नामांतरण को लेकर मांगी गई रिश्वत के मामले में रतलाम कोर्ट ने जिले की ग्राम पंचायत मचुन की सचिव शानू पुरोहित निवासी पिपलौदा को दोषी माना। 4 साल की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। फैसला विशेष कोर्ट विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) आदित्य रावत की कोर्ट ने दिया है।
जिला अभियोजन अधिकारी जेपी घाटिया ने बताया, 8 फरवरी 2019 को गोपाल पिता नंदराम पाटीदार निवासी ग्राम मचुन ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत की। बताया कि उसने मांगीलाल पाटीदार से 2 लाख 50 हजार रुपए में मकान खरीदा था। उक्त मकान के पट्टे का नामातंरण करने के लिए ग्राम पंचायत मचुन में आवेदन दिया। ग्राम पंचायत मचुन की सचिव शानु पुरोहित द्वारा जमीन के पट्टे का नामातंरण करने के एवज में 10 हजार रुपए मांगे गए। 9 हजार रुपए दे दिए। एक हजार शेष रखे।
लोकायुक्त ने प्लानिंग के तहत 14 फरवरी 2019 को आवेदक गोपाल पाटीदार को ग्राम पंचायत मचुन की सचिव शानू पुरोहित को 1 हजार रुपए दिए। तभी वहां पहले से मौजूद लोकायुक्त टीम ने सचिव को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। सचिव ने रिश्वत के रुपए लेकर अपने लेडिस पर्स में रख लिए, जो नोट फरियादी गोपाल पाटीदार को दिए थे उन नोट के नंबर से मिलान किया। सहीं पाए जाने पर सचिव के खिलाफ केस दर्ज किया।
आरोपी सचिव के खिलाफ विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम में 28 जून 2023 को प्रस्तुत किया। विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा सचिव शानु पुरोहित (25) पिता हरिओम पुरोहित निवासी भैंसाडाबर (पिपलौदा) को दोषसिद्ध मानते हुए आज (सोमवार) कोर्ट ने फैसला सुनाया। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कृष्ण कांत चौहान द्वारा की गई।